अयोध्या से सीएम योगी का संदेश: “सनातन धर्म से ऊपर कोई नहीं”
अयोध्या, उत्तर प्रदेश – राम मंदिर परिसर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने संबोधन में कहा कि सनातन धर्म से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इतिहास में कई बार अयोध्या को लेकर षड्यंत्र हुए, लेकिन सनातन धर्म की शक्ति और आस्था को कोई कमजोर नहीं कर सकता।
राम मंदिर परिसर से संबोधन
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर आयोजित प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या केवल एक शहर नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव का केंद्र है। उन्होंने इसे “सप्तपुरी” में पहला पुरी बताया, जो भारत के सात प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।
योगी ने कहा कि अयोध्या ने न केवल धार्मिक परंपराओं को जन्म दिया है, बल्कि साहित्य, कला और संस्कृति को भी गहराई से प्रभावित किया है। उनके अनुसार, चाहे कितने भी षड्यंत्र क्यों न हों, सनातन धर्म की नींव इतनी मजबूत है कि उसे कोई हिला नहीं सकता।
समारोह का महत्व
- प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी: रामलला की मूर्ति स्थापना की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष पूजा और यज्ञ का आयोजन हुआ।
- राजनाथ सिंह की उपस्थिति: रक्षा मंत्री ने मुख्य यजमान की भूमिका निभाई और अन्नपूर्णा मंदिर में ध्वज फहराया।
- योगी आदित्यनाथ का संदेश: उन्होंने कहा कि राम मंदिर भारत की आस्था और गौरव का प्रतीक है, और सनातन धर्म को रोकना असंभव है।
राजनीतिक और सांस्कृतिक संदर्भ
योगी आदित्यनाथ का यह बयान केवल धार्मिक भावनाओं को व्यक्त करने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें राजनीतिक संदेश भी निहित था। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें अयोध्या और राम मंदिर को लेकर षड्यंत्र करती रही हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पाईं। यह सीधा इशारा उन ऐतिहासिक विवादों और राजनीतिक संघर्षों की ओर था, जिनमें राम जन्मभूमि आंदोलन दशकों तक केंद्र में रहा।
उनका यह वक्तव्य भाजपा की विचारधारा को भी मजबूत करता है, जिसमें राम मंदिर को राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर और सनातन धर्म की शक्ति का प्रतीक बताया जाता है। योगी ने यह भी कहा कि यदि राम मंदिर के लिए सत्ता गंवानी पड़ती, तो भी उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती।
अयोध्या और सनातन धर्म
- अयोध्या की पहचान: इसे उन्होंने साहित्य और कला की प्रेरणा भूमि बताया।
- सनातन धर्म की शक्ति: योगी ने कहा कि इसे कोई रोक नहीं सकता, चाहे कितने भी षड्यंत्र क्यों न हों।
- राम मंदिर का महत्व: इसे उन्होंने भारत की आस्था और गौरव का प्रतीक बताया।








