संभल में कब्रिस्तान की नपाई: प्रशासनिक टीम सक्रिय, PAC-RRF की तैनाती, अवैध निर्माण पर बुलडोज़र की तैयारी
संभल ज़िले में जामा मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान की भूमि पर प्रशासन ने पैमाइश की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह कार्रवाई लगभग 8 बीघा (करीब 10,000 वर्ग मीटर) भूमि पर अवैध रूप से बने मकानों और दुकानों को लेकर की जा रही है।
प्रशासनिक कार्रवाई
- ज़िला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि कब्रिस्तान की ज़मीन पर लंबे समय से अवैध कब्ज़ा है।
- डीएम के निर्देश पर 29 अधिकारियों और कर्मचारियों की एक विशेष टीम गठित की गई।
- इस टीम में तहसीलदार के नेतृत्व में 4 कानूनगो और 22 लेखपाल शामिल हैं।
- पैमाइश के दौरान माहौल बिगड़ने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था
- पूरे क्षेत्र में PAC और RRF की कंपनियाँ तैनात हैं।
- 8 थानों की पुलिस फोर्स और 5 इंस्पेक्टर रैंक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
- LIU टीम और स्थानीय पुलिस भी लगातार निगरानी कर रही है।
- इलाके में ड्रोन कैमरे और CCTV से नज़र रखी जा रही है।
- सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम भी सक्रिय है ताकि अफवाहों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
विवाद और पृष्ठभूमि
- शिकायतकर्ताओं का दावा है कि कब्रिस्तान की ज़मीन पर बने अवैध मकानों और दुकानों का संबंध 2024 की हिंसा से है।
- आरोप है कि इन्हीं निर्माणों से पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई थी।
- प्रशासन इस पहलू को भी जांच में शामिल कर रहा है।
अधिकारियों के बयान
- संभल के एसपी ने बताया कि हरिहर मंदिर और जामा मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान की भूमि पर पैमाइश की जा रही है।
- उन्होंने कहा कि लोगों से संवाद जारी है और निवासियों को पूरी जानकारी दी जा रही है।
- तहसीलदार धीरेंद्र कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि पैमाइश में अवैध कब्ज़ा साबित होता है तो उस पर बुलडोज़र चलाया जाएगा।
- प्रशासन के अनुसार, इस भूमि पर 2005 से कब्ज़ा है और अब इसे मुक्त कराने की तैयारी है।








