शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे : भूमि अधिग्रहण हेतु प्राधिकारी नियुक्त

बिजनौर। शामली से गोरखपुर तक प्रस्तावित एक्सप्रेसवे परियोजना को लेकर तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है और अब इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। बिजनौर जिले से होकर इस एक्सप्रेसवे का गुजरना लगभग तय माना जा रहा है। इसी क्रम में भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है।

परियोजना का स्वरूप

  • प्रस्तावित एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 747.424 किलोमीटर होगी।
  • यह कॉरिडोर शामली जिले से शुरू होकर गोरखपुर में सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।
  • बिजनौर जिले में यह परियोजना एनएच-734 के अंतर्गत किमी 86.860 से किमी 142.195 तक प्रस्तावित है।
  • बिजनौर में इसकी लंबाई लगभग 56 किलोमीटर रहेगी।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू) नजीबाबाद ने जिलाधिकारी बिजनौर को पत्र भेजकर भूमि अधिग्रहण हेतु सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति का अनुरोध किया था। इस अनुरोध पर जिलाधिकारी ने प्राधिकारी की नियुक्ति कर दी है।

  • नियुक्ति के बाद ही गजट अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
  • अधिसूचना जारी होने के बाद प्रभावित गाँवों और किसानों को औपचारिक जानकारी दी जाएगी।
  • अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एक्सप्रेसवे बिजनौर के किन-किन गाँवों से होकर गुज़रेगा।

डीपीआर और मंत्रालय की भूमिका

एनएचएआई ने इस परियोजना के लिए तीन अलग-अलग डीपीआर तैयार कर सड़क मंत्रालय को भेजी है।

  • बिजनौर जिले में तीन संभावित मार्गों पर डीपीआर तैयार की गई है।
  • अंतिम निर्णय मंत्रालय की अनुमति के बाद ही होगा कि किस डीपीआर पर मुहर लगेगी।
  • मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद ही भूमि अधिग्रहण और निर्माण की दिशा तय होगी।

संभावित समय-सीमा

पीआईयू नजीबाबाद के पत्र में उल्लेख है कि सभी औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद वर्ष 2026 की शुरुआत में गजट नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।

  • नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू होगी।
  • इसके बाद निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा।