लखनऊ: KGMU के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप, शारीरिक शोषण और कट्टरपंथी बनाने की कोशिश
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ इन दिनों एक बड़े विवाद में घिर गई है। विश्वविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के कुछ डॉक्टरों पर शारीरिक शोषण और कट्टरपंथी बनाने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले ने न केवल संस्थान की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि चिकित्सा जगत में भी हलचल मचा दी है।
पुलिस कार्रवाई और केस दर्ज
पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और आरोपी डॉक्टरों से पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि विभाग में महिलाओं और पुरुषों को गुप्त रूप से धार्मिक स्पीच सुनाकर कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की जा रही थी।
महिला डॉक्टर का आरोप
पैथोलॉजी विभाग की एक महिला रेजीडेंट डॉक्टर ने अपने सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर रमीज पर आरोप लगाया कि वह उसका शारीरिक शोषण कर रहा था और शादी के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। महिला की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया और डॉक्टर रमीज को KGMU से निलंबित कर दिया।
NMO का आरोप
नेशनल मेडिकोज़ ऑर्गेनाइजेशन (NMO) ने इस मामले को उजागर करते हुए कहा कि विभाग में गुप्त रूप से धार्मिक भाषण दिए जा रहे हैं और छात्रों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की जा रही है। संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन, विशेषकर वाइस चांसलर का कार्यालय, शिकायतों को दबाने की कोशिश कर रहा है।
प्रो. वाहिद अली का पक्ष
NMO ने पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर वाहिद अली पर भी कट्टरपंथी बनाने का आरोप लगाया। हालांकि, प्रो. अली ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह पिछले 17 वर्षों से KGMU में कार्यरत हैं और उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड उत्कृष्ट है। उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह स्वयं पाँच वक्त की नमाज़ भी नहीं पढ़ते और उनकी लैब में धार्मिक गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है। उनके अनुसार, आरोप लगाने वाले लोग विश्वविद्यालय से बाहर के हैं और यह सब निराधार है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
KGMU प्रशासन ने भी इन आरोपों को बेबुनियाद बताया। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की खबरें संस्थान की छवि को नुकसान पहुँचा रही हैं। फिलहाल, पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है, जो तथ्यों की पुष्टि करेगी।
सारांश
- डॉ. रमीज पर शारीरिक शोषण और धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप, पुलिस केस दर्ज और निलंबन।
- NMO का दावा: पैथोलॉजी विभाग में गुप्त रूप से धार्मिक स्पीच देकर छात्रों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है।
- प्रो. वाहिद अली का बचाव: आरोप निराधार, उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड उत्कृष्ट।
- KGMU प्रशासन का बयान: कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला, जांच समिति गठित।








