पुतिन-मोदी मुलाकात: 2030 तक आर्थिक सहयोग प्रोग्राम पर बनी सहमति, भारत-रूस ने स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और शिपबिल्डिंग में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए
भारत-रूस संबंधों में नई ऊर्जा: स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और शिपबिल्डिंग में सहयोग के समझौते
भारत और रूस के बीच दशकों से चली आ रही दोस्ती एक बार फिर नए मुकाम पर पहुंची है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों ने कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना तथा विकास के नए रास्ते खोलना है। इन समझौतों में स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और शिपबिल्डिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जो न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन और रणनीतिक सहयोग को भी प्रभावित करेंगे।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग
भारत और रूस ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देना, नई दवाओं का उत्पादन करना और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना है।
- अनुसंधान और नवाचार: दोनों देश मिलकर नई बीमारियों के इलाज और वैक्सीन विकास पर काम करेंगे।
- दवाओं का उत्पादन: भारत की फार्मा इंडस्ट्री और रूस की तकनीकी विशेषज्ञता मिलकर दवाओं के उत्पादन को तेज़ और सुरक्षित बनाएगी।
- डिजिटल हेल्थ: स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है, ताकि दूर-दराज़ के इलाकों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच सकें।
इस सहयोग से भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीक मिलेगी, वहीं रूस को भारत के विशाल बाजार तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।
खाद्य सुरक्षा समझौता
खाद्य सुरक्षा आज की दुनिया में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। भारत और रूस ने इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए हैं।
- खाद्य उत्पादों का सुरक्षित व्यापार: समझौते का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दोनों देशों के बीच खाद्य उत्पादों का व्यापार सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण हो।
- मानक और गुणवत्ता नियंत्रण: खाद्य सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और एक-दूसरे के मानकों को मान्यता देने पर सहमति बनी है।
- सप्लाई चेन की मजबूती: वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए भारत और रूस ने खाद्य उत्पादों की सप्लाई चेन को सुरक्षित और विविध बनाने पर जोर दिया है।
इससे न केवल दोनों देशों के उपभोक्ताओं को फायदा होगा बल्कि वैश्विक खाद्य व्यापार में भी स्थिरता आएगी।
शिपबिल्डिंग और पोर्ट सेक्टर में सहयोग
भारत और रूस ने पोर्ट और शिपिंग सेक्टर में सहयोग बढ़ाने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए।
- तकनीकी सहयोग: रूस की शिपबिल्डिंग तकनीक और भारत की उत्पादन क्षमता मिलकर नए जहाजों के निर्माण को बढ़ावा देगी।
- पोर्ट विकास: भारत के पोर्ट्स को आधुनिक बनाने और रूस के अनुभव का लाभ उठाने पर सहमति बनी है।
- रणनीतिक महत्व: शिपबिल्डिंग सहयोग से दोनों देशों की नौसैनिक क्षमताएं भी मजबूत होंगी, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा।
पीएम मोदी का बयान
संयुक्त प्रेस बयान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत-रूस संबंध कई ऐतिहासिक पड़ावों से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-रूस की दोस्ती पिछले आठ दशकों से पोल स्टार की तरह स्थिर और मजबूत रही है।
- आपसी सम्मान और भरोसा: पीएम मोदी ने कहा कि भारत-रूस के रिश्ते आपसी सम्मान और गहरे भरोसे पर टिके हैं और समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं।
- सभी क्षेत्रों में सहयोग: उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने सहयोग के सभी क्षेत्रों पर चर्चा की है, ताकि रिश्तों को और मजबूत किया जा सके।
मिनरल्स और सप्लाई चेन पर सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस ने 2030 तक आर्थिक सहयोग प्रोग्राम पर सहमति जताई है। इसमें खास तौर पर मिनरल्स और सप्लाई चेन पर ध्यान दिया गया है।
- जरूरी मिनरल्स: सुरक्षित और विविध सप्लाई चेन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी मिनरल्स में सहयोग पर जोर दिया गया है।
- वैश्विक सप्लाई चेन: पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में सप्लाई चेन को सुरक्षित बनाने के लिए भारत और रूस का सहयोग बहुत जरूरी है।
यूक्रेन मुद्दे पर भारत का रुख
पीएम मोदी ने एक बार फिर यूक्रेन मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भारत न्यूट्रल नहीं है, बल्कि शांति के साथ खड़ा है।
- शांति की वकालत: भारत ने शुरू से ही यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है।
- वैश्विक प्रयासों का समर्थन: पीएम मोदी ने कहा कि भारत सभी प्रयासों का स्वागत करता है जो यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान की दिशा में किए जा रहे हैं।
यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ FTA
भारत और रूस ने यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को जल्द पूरा करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई है।
- आर्थिक सहयोग प्रोग्राम 2030: दोनों देशों ने 2030 तक एक व्यापक आर्थिक सहयोग प्रोग्राम पर काम करने का फैसला किया है।
- FTA का महत्व: इस समझौते से भारत और रूस के बीच व्यापार और निवेश को नई दिशा मिलेगी।
पुतिन का बयान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की मेहमाननवाजी की तारीफ की। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम मोदी और भारतीय जनता का धन्यवाद किया।
- गर्मजोशी का स्वागत: पुतिन ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधियों ने रूसी प्रतिनिधि मंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
- डिनर का धन्यवाद: उन्होंने पीएम मोदी द्वारा आयोजित डिनर के लिए भी आभार व्यक्त किया।
भारत और रूस के बीच हुए ये समझौते न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देंगे बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण असर डालेंगे। स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और शिपबिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और वैश्विक सप्लाई चेन को स्थिरता मिलेगी।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई बातचीत ने यह साबित कर दिया कि भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरी है और आने वाले वर्षों में यह सहयोग और गहरा होगा।







