पाकिस्तान में गृह युद्ध का काउंटडाउन: नवाज-शहबाज़ की मुलाकात से बढ़ी सियासी हलचल, आसिम मुनीर के नोटिफिकेशन पर टिकी निगाहें
CDF और ISI चीफ की कुर्सी खाली, सेना में नियुक्तियों पर सस्पेंस गहराया
- पाकिस्तान में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और मीडिया इसे “गृह युद्ध का काउंटडाउन” बता रहा है।
- पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अडियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी PTI के नेता और कार्यकर्ता जेल की ओर प्रोटेस्ट मार्च कर रहे हैं।
- इमरान की बहन नोरीन नियाज़ी ने आरोप लगाया है कि इमरान को कैद-ए-तन्हाई में रखा गया है और उन पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर इमरान को परिवार से मिलने की अनुमति दे दें तो हालात बिगड़ने से बच सकते हैं।
🏛️ राजनीतिक हलचल
- शहबाज़ शरीफ लाहौर में अपने भाई नवाज शरीफ से मिलने पहुंचे हैं।
- इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इसी दौरान आसिम मुनीर के नोटिफिकेशन पर बड़ा फैसला हो सकता है।
- पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि जब तक मुनीर का नोटिफिकेशन जारी नहीं होता, इमरान से किसी की मुलाकात नहीं करवाई जाएगी।
⚔️ सेना और सत्ता का संकट
- पाकिस्तान आर्मी में इस समय कई अहम पद खाली हैं:
- CDF (Vice Chief of Army Staff)
- Strategic Command के Head (जो परमाणु हथियारों की सुरक्षा देखते हैं)
- ISI Chief
- जनरल आसिम मुनीर का नाम CDF के लिए प्रस्तावित है, लेकिन उनका नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हुआ है।
- इस देरी को लेकर सस्पेंस गहराता जा रहा है।
🗣️ सरकार का बयान
- पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा है कि CDF के नोटिफिकेशन में कोई समस्या नहीं है।
- उन्होंने यह भी कहा कि नोटिफिकेशन की देरी पर सवाल उठाने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
🚨 टकराव की आशंका
- इमरान खान को जेल में बंद हुए 29 दिन हो चुके हैं और उनके परिवार को उनसे मिलने नहीं दिया गया है।
- PTI के सांसद और विधायक अडियाला जेल पर धावा बोलने की तैयारी में हैं।
- दूसरी ओर, जनरल मुनीर ने इस प्रोटेस्ट को रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दी है।
- समर्थक मुलाकात पर अड़े हैं, जबकि सरकार और सेना किसी भी सूरत में इसे रोकना चाहती है।
- नतीजा: इस्लामाबाद से लेकर रावलपिंडी तक भयंकर टकराव की आशंका है।
पाकिस्तान इस समय एक बेहद नाजुक मोड़ पर खड़ा है।
- एक तरफ इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतर रहे हैं।
- दूसरी तरफ सेना और सरकार सत्ता संतुलन को बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
- आसिम मुनीर के नोटिफिकेशन पर होने वाला फैसला पाकिस्तान की राजनीति और सेना की दिशा तय कर सकता है।







