कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के गिद्धों पर अध्ययन: भोजन की तलाश में हजार किलोमीटर की उड़ान

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के गिद्धों पर किए गए एक महत्वपूर्ण शोध में यह खुलासा हुआ है कि भोजन की तलाश में ये दुर्लभ पक्षी एक हजार किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक उड़ान भर रहे हैं। यह अध्ययन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया गया है। शोध के प्रारंभिक निष्कर्ष बताते हैं कि आने वाले समय में गिद्धों की संख्या में वृद्धि की संभावना है, जिसे संरक्षण प्रयासों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

वन विभाग के अनुसार, गिद्धों के व्यवहार और गतिविधियों को समझने के लिए पिछले वर्ष कॉर्बेट पार्क में झुंड में रहने वाले लगभग पाँच गिद्धों पर रेडियो टैगिंग की गई थी। टैगिंग से प्राप्त लोकेशन रिपोर्ट में यह सामने आया कि कॉर्बेट से निकलने वाले गिद्ध कभी राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में देखे गए, तो कभी नेपाल तक पहुंचते दर्ज किए गए। शोधकर्ताओं का मानना है कि भोजन की तलाश ही इनकी लंबी यात्राओं का प्रमुख कारण है।

कॉर्बेट क्षेत्र के गिद्ध सामान्यतः खुले मैदानी इलाकों और आबादी के आसपास स्थित नदी तटों पर रहना पसंद करते हैं। आमतौर पर ये भोजन की खोज में 400 से 500 किलोमीटर तक भटकते हैं, लेकिन इस अध्ययन में यह पुष्टि हुई है कि वे एक हजार किलोमीटर से भी अधिक दूरी तय कर सकते हैं।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि रेडियो टैगिंग से यह स्पष्ट हुआ है कि कॉर्बेट के गिद्ध भोजन की तलाश में नेपाल तक प्रवास कर रहे हैं। गिद्धों के रहन-सहन और व्यवहार को लेकर अध्ययन अभी जारी है, और प्रारंभिक संकेतों से यह संभावना दिख रही है कि आने वाले वर्षों में इनकी संख्या में वृद्धि हो सकती है।