यूपी में अवैध घुसपैठियों पर सख्ती: हर जिले में बनेगा अस्थायी डिटेंशन सेंटर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रह रहे अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करें और नियमानुसार कार्रवाई शुरू करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस दिशा में तेजी और पारदर्शिता के साथ काम करना होगा।

हर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर

योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक जनपद में अस्थायी डिटेंशन सेंटर स्थापित किए जाएं। इन केंद्रों में विदेशी नागरिकता वाले अवैध व्यक्तियों को रखा जाएगा और आवश्यक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने तक वहीं आवास सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सत्यापन के बाद तय प्रक्रिया के तहत इन व्यक्तियों को उनके मूल देश भेजा जाएगा।

नेपाल सीमा और सुरक्षा चुनौतियाँ

उत्तर प्रदेश नेपाल से खुली सीमा साझा करता है, जहाँ दोनों देशों के नागरिक बिना रोक-टोक आ-जा सकते हैं। हालांकि अन्य देशों के नागरिकों पर कड़ी जांच लागू होती है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा और अवैध प्रवेश पर निगरानी को और मजबूत किया जाएगा।

बिहार चुनावी रैली में दिया गया बयान

गौरतलब है कि 3 नवंबर को बिहार के दरभंगा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सत्ता में लौटता है, तो घुसपैठियों को राज्य से बाहर निकाला जाएगा और उनकी संपत्ति गरीबों में बांटी जाएगी। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद अब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में इस वादे को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विपक्ष पर हमला

दरभंगा की रैली में योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को “जंगलराज की जननी” बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू-राबड़ी शासन के दौरान बिहार में 70 से अधिक जातीय नरसंहार हुए थे।