बिजनौर : बीडीए (बिजनौर विकास प्राधिकरण) की आस में मास्टर प्लान अधर में

बिजनौर डेवलपमेंट अथॉरिटी , बिजनौर जिले में विकास की दिशा तय करने वाला मास्टर प्लान लंबे समय से अटका हुआ है। वर्ष 2011 में तैयार किया गया मास्टर प्लान अपनी अवधि पूरी कर चुका है, लेकिन नया मास्टर प्लान अब तक लागू नहीं हो पाया है। इस देरी का सबसे बड़ा कारण बिजनौर विकास प्राधिकरण (बीडीए) का गठन है, जिसकी फाइल पिछले एक साल से शासन स्तर पर लंबित है। जब तक बीडीए को मंजूरी नहीं मिलती, तब तक विनियमित क्षेत्रों के लिए नया मास्टर प्लान भी आगे नहीं बढ़ सकता।

बीडीए के प्रस्ताव में जिलेभर के 16 शहरी निकायों और 873 गांवों को शामिल किया गया है। इनमें सबसे अधिक बिजनौर तहसील के 237 गांव आते हैं। इसके बाद नजीबाबाद के 208 गांव, धामपुर के 188 गांव, चांदपुर के 124 गांव और नगीना के 99 गांव प्रस्तावित क्षेत्र में शामिल किए गए हैं। यह व्यापक कवरेज इस बात का संकेत है कि बीडीए बनने के बाद जिले के विकास की रूपरेखा एक ही छतरी के नीचे तैयार होगी।

शुरुआत में उम्मीद थी कि इस वर्ष बीडीए को हरी झंडी मिल जाएगी और इसके बाद मास्टर प्लान भी तेजी से आगे बढ़ेगा। लेकिन शासन स्तर पर फाइल अटक जाने से पूरा मामला ठहर गया है। इसका असर सीधे तौर पर जिले के विकास कार्यों पर पड़ रहा है। नए मास्टर प्लान के अभाव में न तो शहरी क्षेत्रों का विस्तार योजनाबद्ध तरीके से हो पा रहा है और न ही ग्रामीण इलाकों में विकास की दिशा तय हो रही है।

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का मानना है कि बीडीए का गठन बिजनौर के लिए बेहद जरूरी है। इसके बनने के बाद पूरे जिले के लिए एकीकृत मास्टर प्लान तैयार होगा, जिससे सड़क, बिजली, पानी, आवास और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास संतुलित तरीके से किया जा सकेगा। अभी तक अलग-अलग निकायों और विभागों के स्तर पर योजनाएं बनती रही हैं, जिनमें तालमेल की कमी साफ दिखाई देती है।

बिजनौर जैसे तेजी से बढ़ते जिले में मास्टर प्लान का अभाव न केवल विकास कार्यों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि निवेश और रोजगार के अवसर भी सीमित कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बीडीए को जल्द मंजूरी मिल जाती है, तो जिले में योजनाबद्ध विकास की शुरुआत होगी और आने वाले वर्षों में बिजनौर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक और शैक्षिक केंद्र बन सकता है।

फिलहाल, जिले के लोग शासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि बीडीए की फाइल जल्द मंजूर होगी और लंबे समय से अटका मास्टर प्लान फिर से पटरी पर आएगा।