“भारतीय सेनाओं की ताकत में इज़ाफ़ा: 79,000 करोड़ की रक्षा खरीद को मंज़ूरी”
भारत सरकार ने तीनों सेनाओं – आर्मी, नेवी और एयरफोर्स – की युद्धक क्षमता को और मज़बूत करने के लिए लगभग ₹79,000 करोड़ की रक्षा खरीद को मंज़ूरी दी है। यह निर्णय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में लिया गया।
🪖 भारतीय सेना के लिए नई क्षमताएँ
- लोइटर म्यूनिशन सिस्टम: यह हथियार दुश्मन के टैक्टिकल टारगेट पर सटीक हमले करने में सक्षम होगा। इसे “सुसाइड ड्रोन” भी कहा जाता है, जो लक्ष्य क्षेत्र में घूमते हुए सही समय पर हमला करता है।
- लो लेवल लाइट वेट रडार: छोटे आकार और कम ऊँचाई पर उड़ने वाले मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल होगा। यह आधुनिक युद्ध में ड्रोन खतरों से निपटने का अहम साधन बनेगा।
- पिनाका MRLS के लिए लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट: पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता और सटीकता को बढ़ाएंगे। इससे दुश्मन के ठिकानों पर लंबी दूरी से निशाना साधा जा सकेगा।
- इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम Mk-II: यह सिस्टम टैक्टिकल बैटल एरिया और भीतरी इलाकों में सेना की महत्वपूर्ण संपत्तियों की सुरक्षा करेगा। बढ़ी हुई रेंज के कारण यह बड़े क्षेत्र में ड्रोन खतरों को रोकने में सक्षम होगा।
⚓ भारतीय नौसेना के लिए नई खरीद
- BP टग्स: नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को सीमित पानी और बंदरगाहों में सुरक्षित बर्थिंग, अनबर्थिंग और मैन्यूवरिंग में मदद करेंगे।
- HF SDR मैनपैक: हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो बोर्डिंग और लैंडिंग ऑपरेशन के दौरान लंबी दूरी के सुरक्षित संचार को बेहतर बनाएगा।
- HALE RPAS: हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग रेंज रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम को लीज़ पर लिया जाएगा। यह हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकोनिसेंस (ISR) प्रदान करेगा और समुद्री डोमेन जागरूकता को मज़बूत करेगा।
✈️ भारतीय वायुसेना के लिए नई क्षमताएँ
- ऑटोमैटिक टेक-ऑफ और लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम: उड़ान और लैंडिंग की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए।
- अस्त्र Mk-II मिसाइल: यह एयर-टू-एयर मिसाइल वायुसेना की मारक क्षमता को लंबी दूरी तक बढ़ाएगी।
- फुल मिशन सिमुलेटर: पायलटों को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में प्रशिक्षण देने के लिए।
- SPICE-1000 लॉन्ग रेंज गाइडेंस किट: यह किट बमों को लंबी दूरी तक सटीकता से लक्ष्य भेदने में सक्षम बनाएगी।
इस रक्षा खरीद से भारतीय सेनाओं की युद्धक क्षमता, निगरानी और संचार प्रणाली में बड़ा सुधार होगा।
- सेना को ड्रोन और रॉकेट आधारित आधुनिक हथियार मिलेंगे।
- नौसेना को समुद्री सुरक्षा और जहाज संचालन में नई तकनीक मिलेगी।
- वायुसेना को लंबी दूरी की मिसाइलें और अत्याधुनिक प्रशिक्षण उपकरण मिलेंगे।
यह कदम भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) को मज़बूत करेगा और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में निर्णायक साबित होगा।








